Disable Copy Text

Friday, November 21, 2014

गैर से मिलके जहाँ

गैर से मिलके जहाँ ख़ुद को भूल जाये कोई
कभी ऐसा भी हुआ, हो तो गज़ल होती है ।

~ मोहम्मद इरशाद
  Dec 19, 2014

No comments:

Post a Comment