Disable Copy Text

Tuesday, March 31, 2015

बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जाएगी



बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जाएगी
लोग बेवजह उदासी का सबब पूछेंगे
ये भी पूछेंगे कि तुम इतनी परेशां क्यूं हो

उगलियां उठेंगी सूखे हुए बालों की तरफ
इक नज़र देखेंगे गुज़रे हुए सालों की तरफ
चूड़ियों पर भी कई तन्ज़ किये जायेंगे
कांपते हाथों पे भी फि’करे कसे जायेंगे ,

लोग ज़ालिम हैं हर इक बात का ताना देंगे
बातों बातों मे मेरा ज़िक्र भी ले आयेंगे
उनकी बातों का ज़रा सा भी असर मत लेना
वर्ना चेहरे के तासुर से समझ जायेंगे

चाहे कुछ भी हो सवालात न करना उनसे
मेरे बारे में कोई बात न करना उनसे

बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जाएगी

~ कफ़ील आज़र अमरोहवी


  Jan 17, 2013| e-kavya.blogspot.com
  Submitted by: Ashok Singh

No comments:

Post a Comment