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Tuesday, March 31, 2015

दिल में गुलशन आंख में सपना



दिल में गुलशन आंख में सपना सुहाना रख।
आस्मां की डालियों पर आशियाना रख।।

हर कदम पर एक मुश्किल ज़िंदगी का नाम।
फिर से मिलने का मगर कोई बहाना रख।।

अर्थ में भर अर्थ की अभिव्यंजना का अर्थ।
शक की सीमा के आगे भी निशाना रख।।

कफ़स का ये द्वार टूटेगा नहीं सच है, मगर।
हौसला रख अपना ये पर फड़फ़ड़ाना रख।।

तेरे जाने के पर जिसे दुहराएगी महफ़िल।
वक्त की आंखों में एक ऐसा फसाना रख।।

दर्द की दौलत से यायावर हुआ है तू।
पांव की ठोकर के आगे ये ज़माना रख।।

~ राम सनेहीलाल शर्मा 'यायावर'


  Jan 17, 2013| e-kavya.blogspot.com
  Submitted by: Ashok Singh

1 comment:

  1. कफ़स का ये द्वार टूटेगा नहीं सच है, मगर।
    हौसला रख अपना ये पर फड़फ़ड़ाना रख।।

    - નિમિશ પંડ્યા

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