तू खुर्शीद है,बादलों में न छुप,
तू महताब है जगमगाना न छोड़,
*खुर्शीद=सूर्य; महताब=चंद्रमा
तू शोखी है शोखी, राइयत न कर,
तू बिजली है बिजली ,जलाना न छोड़,
Ashok Singh
तू महताब है जगमगाना न छोड़,
*खुर्शीद=सूर्य; महताब=चंद्रमा
तू शोखी है शोखी, राइयत न कर,
तू बिजली है बिजली ,जलाना न छोड़,
अभी इश्क़ ने हार मानी नहीं,
अभी इश्क़ को आज़माना न छोड़
~ कैफ़ी आज़मी
March 13, 2015 | e-kavya.blogspot.comअभी इश्क़ को आज़माना न छोड़
~ कैफ़ी आज़मी
Ashok Singh
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