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Saturday, March 14, 2015

तू खुर्शीद है,बादलों में न छुप

तू खुर्शीद है,बादलों में न छुप,
तू महताब है जगमगाना न छोड़,
*खुर्शीद=सूर्य; महताब=चंद्रमा

तू शोखी है शोखी, राइयत न कर,
तू बिजली है बिजली ,जलाना न छोड़,


अभी इश्क़ ने हार मानी नहीं,
अभी इश्क़ को आज़माना न छोड़

~ कैफ़ी आज़मी
  March 13, 2015 | e-kavya.blogspot.com
  Ashok Singh

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