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Thursday, March 5, 2015

उस नक़्श-ए-पा के सज्दे ने

उस नक़्श-ए-पा के सज्दे ने क्या क्या किया ज़लील
मैं कूचा-ए-रक़ीब में भी सर के बल गया।

*नक़्श-ए-पा=पैरों के निशान; सज्दे=झुक कर की गई प्रार्थना; ज़लील=अपमानित; कूचा-ए-रक़ीब=(प्रेमिका के) दूसरे प्रेमी की गली

~ मोमिन ख़ाँ मोमिन

   Mar 02, 2015 | e-kavya.blogspot.com
   Ashok Singh

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