Disable Copy Text

Friday, November 21, 2014

तेरे करीब रह के भी

तेरे करीब रह के भी दिल मुतमईन न था,
गुजरी है मुझ पे ये भी कयामत कभी कभी ।

*मुतमईन=सन्तुष्ट

~ नामालूम
   Nov. 25, 2013

No comments:

Post a Comment