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Saturday, March 28, 2015

फूल के सारे दुख

अब्रे-बहार ने
फूल का चेहरा
अपने बनफ़शी हाथ में लेकर
ऐसे चूमा
फूल के सारे दुख
ख़ुशबू बन कर बह निकले हैं 


*अब्रे-बहार=बहार रूपी बादल; बनफ़शी=बैंगनीपन लिया हुआ, सुंदर

~ परवीन शाकिर
   Mar 27, 2015| e-kavya.blogspot.com
   Ashok Singh

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